Meen Rashi (मीन राशि)

राहु केतु के 2023 गोचर से मीन राशि के लोग कैसे प्रभावित होंगे?

मीन राशि के जातकों के लिए राहु इस समय दूसरे भाव में और केतु अष्टम भाव में है। 30 अक्टूबर 2023 के बाद, राहु मीन राशि में चले जाएंगे जो मीन राशि के लिए पहला भाव होगा और केतु सप्तम भाव यानि कि कन्या राशि में चले जाएंगे। यह धुरी एक बहुत ही महत्वपूर्ण धुरी है और राहु केतु गोचर का पर्याप्त प्रभाव अधिकतर मीन राशि के जातकों पर दिखेगा।

वे 29 मई 2025 तक 18 महीने तक वहां रहेंगे। इस 18 महीने के प्रवास को राहु केतु गोचर के रूप में जाना जाता है।

चूंकि, प्रत्येक राशि में लगभग ढाई नक्षत्र होते हैं। इस गोचर के दौरान राहु मीन राशि के नक्षत्रों, अर्थात् रेवती, उत्तर भाद्रपद और पूर्व भाद्रपद से होकर गुजरेंगे। केतु कन्या राशि के नक्षत्रों चित्रा, हस्त और उत्तर फाल्गुनी में गोचर करेंगे।

2023 में राहु केतु गोचर मीन राशि के जातकों पर उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे करियर, वित्त, स्वास्थ्य और परिवार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।

प्रबुद्ध पाठक यहां प्रस्तुत भविष्यवाणी को अपने लग्न या चंद्र राशि के अनुसार पढ़ सकते हैं।

यदि आप अपनी जन्मपत्री पर व्यक्तिगत राय चाहते हैं तो हमारे ज्योतिषी इसमें आपकी सहायता कर सकते हैं।

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राहु केतु गोचर 2023 – सामान्य विवरण

मीन राशि के जातकों के लिए राहु केतु गोचर की सामान्य भविष्यवाणी नीचे दी जा रही है। सटीक या अद्वितीय भविष्यवाणियां केवल व्यक्तिगत कुंडली देखकर ही संभव है।

पिछले 18 महीने से राहु कुंडली के दूसरे भाव से गोचर कर रहे हैं। इससे अलग–अलग चीजों में रुकावटें आई होंगी। स्वास्थ्य और व्यक्तिगत सुरक्षा के मामले में यह गोचर अच्छा नहीं रहा होगा।

हालांकि यह गोचर वित्त के लिए अच्छा रहा होगा। जातक को यात्रा और विदेशी स्रोतों से लाभ का मौका भी मिला होगा।

30 अक्टूबर 2023 से लग्न से राहु का आगामी गोचर स्वास्थ्य और व्यक्तिगत सुरक्षा की दृष्टि से बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता है।

स्वास्थ्य के संबंध में किसी भी बड़ी समस्या से बचने के लिए जातक को अपने खाने-पीने का ध्यान रखना चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए।

यह गोचर करियर के साथ–साथ निवास परिवर्तन को भी शुरू कर सकता है।

30 अक्टूबर 2023 से केतु का सप्तम भाव से गोचर नए अनुबंधों में प्रवेश के लिए अच्छा है।

विदेशियों के साथ साझेदारी के लिए यह गोचर अच्छा है। हालांकि, विशेष रूप से जीवनसाथी के साथ संबंधों से जुड़ी कई चुनौतियां हो सकती हैं। केतु किसी भी रिश्ते में गलतफहमी पैदा कर सकता है। सप्तम भाव से केतु का गोचर जीवनसाथी के साथ गलतफहमियां पैदा कर सकता है।

इस गोचर के प्रभाव से जातक दूर–दूर की यात्रा कर सकता है। इस गोचर के फलस्वरूप जातक विदेश में संपत्ति भी खरीद सकता है।

30 अक्टूबर को केतु का अष्टम भाव छोड़ना मीन राशि के जातकों के लिए एक स्वागत योग्य ज्योतिषीय घटना रहेगी।

करियर

दूसरे भाव से राहु के वर्तमान गोचर ने इस दौरान करियर और वित्त के संबंध में कुछ अवसर दिए होंगे।

राहु के द्वितीय भाव में गोचर का अर्थ है कि जातक को अपनी वाणी में कठोर होने से बचना चाहिए।

30 अक्टूबर 2023 के बाद लग्न से राहु का गोचर करियर के मामले में रुकावटें पैदा कर सकता है। हालांकि, लगातार प्रयास रंग लाएंगे।

जातक को आर्थिक लाभ मिल सकता है।

30 अक्टूबर 2023 से केतु का सप्तम भाव से गोचर इनके करियर के लिए अच्छा रहेगा।

स्व–प्रयासों से चीज़ें बेहतर हो सकती हैं।

यह गोचर निवास के साथ–साथ नौकरी में भी बदलाव ला सकता है।

यह गोचर जातकों को प्रभावशाली विदेशियों के साथ साझेदारी करने में भी मदद कर सकता है।

इस गोचर के परिणामस्वरूप प्रयासों से हालात में सुधार होने की संभावना है।

वित्त

दूसरे भाव से राहु का वर्तमान गोचर वित्त के मामले में अच्छा साबित हुआ होगा। जातक के पास कमाई के एक से अधिक स्रोत रहे होंगे।

जातक को विदेशी स्रोतों से भी लाभ प्राप्त करने का मौका मिल सकता है।

30 अक्टूबर 2023 से लग्न से राहु का गोचर आर्थिक दृष्टि से बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता। जातक को फिजूल खर्ची से बचना चाहिए।

30 अक्टूबर 2023 से केतु का सप्तम भाव से गोचर वित्त के लिहाज से बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता है।

समस्या आय में नहीं बल्कि अनियंत्रित व्यय में हो सकती है। आपको बेकार के ख़र्चों और लापरवाह निवेशों पर अंकुश लगाने की ज़रूरत है।

प्रयास से आख़िरकार चीज़ें बेहतर हो जाएंगी।

स्वास्थ्य

अक्टूबर 2023 के अंत तक राहु का दूसरे भाव से गोचर स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता। दूसरा भाव मारक भाव है जो राहु के वर्तमान गोचर के दौरान जातक को बीमारी का शिकार बना सकता है।

30 अक्टूबर 2023 से राहु का गोचर लग्न से है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अच्छा गोचर नहीं है।

30 अक्टूबर 2023 से केतु का सप्तम भाव से गोचर स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता है।

जातक को पीठ के निचले हिस्से में दर्द की समस्या हो सकती है।

केतु के इस गोचर के दौरान जातक को बीमारी का भी खतरा हो सकता है।

हालांकि, कुल मिलाकर स्वास्थ्य के अन्य पहलू अच्छे बने हुए हैं।

जातक को किसी प्रकार के संक्रमण का भी खतरा हो सकता है, आप सावधानी बरतें तो आपके लिए अच्छा रहेगा।

पारिवारिक संबंध

दूसरे भाव से राहु के वर्तमान गोचर के कारण प्रियजनों के बीच मनमुटाव देखने को मिला होगा। दूसरों के साथ रिश्तों में दरार पैदा किए बिना सोच–समझकर बोलें।

राहु 30 अक्टूबर 2023 से लग्न में गोचर करेंगे। जीवनसाथी या साझेदारों के साथ संबंधों में समस्याएं आ सकती हैं।

जातक को संतान के संबंध में भी चिंता हो सकती है।

30 अक्टूबर 2023 से केतु का सप्तम भाव से गोचर परिवार और रिश्तों के लिए एक उत्कृष्ट गोचर नहीं माना जा सकता है।

इस गोचर के कारण वैवाहिक जीवन में गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं।

जातक को परिवार के बड़ों या ससुराल पक्ष के लोगों के सामने अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है।

आपको अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए।

राहु केतु गोचर 2024 एक नज़र में:

यह पिछले गोचर (जो 30 अक्टूबर 2023 को समाप्त हो रहे हैं) की तुलना में आपकी राशि के लिए राहु केतु गोचर प्रभावों का सारांश है।

लग्न या चंद्रराशि पिछले घर वर्तमान घर ग्रह व्यवसाय वित्त स्वस्थ्य परिवार कुल
मीन द्वितीय-अष्टम प्रथम-सप्तम राहू बेहतर समकक्ष खराब खराब समकक्ष
केतु बहुत अच्छा खराब समकक्ष खराब बेहतर

 

अधिक स्पष्टता के लिए इन परिणामों का सचित्र प्रतिनिधित्व यहां दिया गया है:

गोचर के भाव को समझना

राहु लग्न या प्रथम भाव में जा रहे हैं। कुंडली में पहला भाव सबसे महत्वपूर्ण भाव होता है और निम्नलिखित का प्रतीक है:

– स्वयं का

– व्यक्तित्व

– अहंकार

– प्रतिकूलताओं पर काबू पाने की ऊर्जा

– उपस्थिति

– चरित्र

– जन्म की परिस्थितियां

केतु कुंडली के सप्तम भाव में जा रहे हैं। सप्तम भाव निम्नलिखित का प्रतीक है:

– जीवनसाथी

– साथी

– शादी

– सभी प्रकार की साझेदारियां

– जीवनसाथी या साथी का चरित्र

– जीवनसाथी या साथी की उपस्थिति

– जीवनसाथी या पार्टनर के साथ हमारा रिश्ता

– व्यवसाय से संबंधित यात्राएं

– सार्वजनिक व्यवहार

कुंडली में बारह भाव क्या दर्शाते हैं, इस पर अधिक समझ बढाने के लिए एक विस्तृत लेख इस लिंक पर उपलब्ध है।

अगले 18 महीनों के लिए राहु और केतु के क्रमशः सप्तम और प्रथम भाव में रहने से उपरोक्त भावों के महत्व पर ध्यान केंद्रित होगा।

राहु केतु का मीन राशि के स्वामी ग्रह से संबंध

मीन राशि का स्वामी बृहस्पति या गुरु है।

राहु को बृहस्पति का तटस्थ ग्रह माना जाता है। यौगिक या पंचधा (ग्रहों के बीच संबंधों को पढ़ने का अधिक सूक्ष्म तरीका) संबंधों में, राहु को बृहस्पति का शत्रु माना जाता है।

केतु को बृहस्पति का तटस्थ ग्रह माना जाता है। यौगिक संबंधों में इसे बृहस्पति के मित्र के रूप में देखा जाता है।

मीन राशि के लिए राहु केतु गोचर (संचार) 2023 को समझने के लिए यह जानकारी उपयोगी है।

मीन राशि के जातकों में भी सबसे अधिक प्रभाव किस पर पड़ेगा?

यह राहु केतु गोचर 2023 उन मीन राशि के जातकों को सबसे अधिक प्रभावित करेंगे जिन पर राहु या केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही है।

वे मीन राशि के जातक जो अन्य कठिन ज्योतिषीय घटनाओं जैसे प्रतिकूल दशा या शनि की साढ़े साती जैसे गोचर (संचार) का सामना कर रहा है, उन्हें भी कठिनाइयों में वृद्धि का अनुभव हो सकता है।

मीन राशि के जातकों के लिए राहु केतु गोचर 2023 के उपाय

यदि आपको यह आपकी अपेक्षा से थोड़ा अधिक कठिन लग रहे हैं, तो आप निम्नलिखित उपाय करने पर विचार कर सकते हैं।

राहु के लिए उपाय:

  1. क) जातक को अपनी पारिवारिक परंपराओं का उचित एवं धार्मिक रीति से पालन करना चाहिए।
  2. ख) जातक को नशे से दूर रहना चाहिए।
  3. ग) यदि जातक कोई कोर्ट केस लड़ रहा हो तो जातक को अपने वजन के लगभग 1/10वें हिस्से के बराबर कोयला बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए।

राहु के लिए मंत्र: “ओम राहवे नमः”

राहु के लिए बीज मंत्र: “ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”।

केतु के लिए उपाय:

  1. क) जातक को माथे पर केसर का तिलक लगाना चाहिए।
  2. ख) जातक को गाय की देखभाल और सेवा करनी चाहिए।

केतु के लिए मंत्र: “ओम केतवे नमः”

केतु के लिए बीज मंत्र: “ओम सत्राम स्त्रीम स्त्रोम सः केतवे नमः”।

क्या राहु केतु गोचर (संचार) 2023 के सभी 18 महीने समान रूप से अच्छे या बुरे होंगे?

अभी हो रहे राहु केतु गोचर (संचार) जैसे लंबे गोचर के लिए भविष्यवाणियां केवल परिणामों का सामान्य अर्थ प्रदान करने के लिए हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी 18 महीने समान रूप से अच्छे या बुरे होंगे या पूरे समय समान परिणाम देंगे।

एक विचारधारा यह भी कहती है कि जब भी राहु और केतु लग्न या चंद्रमा से 3 डिग्री कम या ज्यादा पर होंगे, तो परिणाम अधिक स्पष्ट होंगे। यह लगभग डेढ़ महीने की समयावधि होगी।

लग्न की डिग्री या चंद्रमा की डिग्री का पता कुंडली देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। अधिकांश ऑनलाइन राशिफल उनका पहले से ही उल्लेख करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या मुझे यह भविष्यवाणी मीन लग्न के अनुसार पढ़ना चाहिए या इसलिए क्योंकि मेरी चंद्र राशि मीन है?

चंद्र राशि बनाम लग्न से ग्रहों के गोचर को देखने पर बहस पुरानी और आज भी जारी है।

अधिकांश ज्योतिषी गोचर का प्रभाव चंद्र राशि से देखते हैं। हालांकि, ऐसे ज्योतिषियों की संख्या बढ़ रही है जो अब लग्न से भविष्यवाणियां और व्याख्यायां कर रहे हैं और उनकी सटीकता की गारंटी देते हैं।

हमारी सलाह है कि आपको दोनों पूर्वानुमानों (लग्न और चंद्र राशि) में उल्लिखित सकारात्मकताओं पर काम करना चाहिए और अपने परिणामों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उनका बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए।

इसी प्रकार हम इस बात की वकालत करते हैं कि व्यक्ति को उल्लिखित नकारात्मक बातों पर उचित सावधानी और संयम बरतना चाहिए। यदि दोनों पूर्वानुमानों (लग्न या राशि) में एक सी नकारात्मक बातें दिखाई देती हैं तो व्यक्ति को और अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।

2023 में मेरी कुंडली में राहु की चाल क्या है?

राहु इस समय आपके दूसरे भाव में है और यह आपके पहले भाव में जा रहे हैं। दोनों ही भाव आम तौर पर बहुत आशाजनक नहीं हैं, हालांकि बहुत कुछ अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है।

राहु आपके प्रथम भाव में पूरे 18 महीने यानी 30 अक्टूबर 2023 से 29 मई 2025 तक रहेंगे।

मेरी कुंडली में 2023 में केतु कैसी चाल चल रहे हैं?

केतु आपके अष्टम भाव से सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। राहु और केतु जैसे अत्यधिक अप्रत्याशित ग्रहों का अष्टम भाव में गोचर एक कठिन ज्योतिषीय घटना है। उस लिहाज से, केतु का अष्टम भाव से बाहर जाना निश्चित रूप से राहत देने वाला होगा।

गोचर में सप्तम भाव में केतु के जाने से सप्तम भाव के महत्व जैसे जीवनसाथी, पार्टनर, रिश्ते आदि पर प्रभाव पड़ेगा।

केतु 30 अक्टूबर 2023 से मई 2025 के अंत तक 18 महीने तक आपके सप्तम भाव में रहेंगे।

इस गोचर के दौरान राहु और केतु कौन से नक्षत्रों में गोचर कर रहे हैं?

राहु रेवती नक्षत्र उत्तर भाद्रपद पूर्व भाद्रपद
30 अक्टूबर, 2023 08 जुलाई, 2024 16 मार्च, 2025
केतु चित्रा नक्षत्र हस्त नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी
वर्तमान में यहीं है 4 मार्च, 2024 दस नवंबर, 2024

 

Astrologer Anand Sagar Pathak
About Author

Astrologer Anand Sagar Pathak

A devout Shirdi Sai Baba devotee, Anand is an expert astrologer with deep compassion,empathy and love for mankind. Anand is a Jyotish Acharya from Bharti Vidya Bhawan, Delhi. He has an experience of 25+ years in practising Astrology and spiritual counselling.

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